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"सत्य है।".

स्वामी विवेकानंद के इस संवाद को ध्यान से पढ़ें और दूसरों को भी भेजें। मुशीं फैज अली ने स्वामी विवेकानन्द से पूछा : "स्वामी जी हमें बताया गया है कि अल्लहा एक ही है।  यदि वह एक ही है, तो फिर संसार उसी ने बनाया होगा ? "स्वामी जी बोले, "सत्य है।". मुशी जी बोले ,"तो फिर इतने प्रकार के मनुष्य क्यों बनाये।  जैसे कि हिन्दु, मुसलमान, सिख्ख, ईसाइ और सभी को अलग-अलग धार्मिक ग्रंथ भी दिये। एक ही जैसे इंसान बनाने में उसे यानि की अल्लाह को क्या एतराज था। सब एक होते तो न कोई लङाई और न कोई झगङा होता। ".स्वामी हँसते हुए बोले, "मुंशी जी वो सृष्टी कैसी होती जिसमें एक ही प्रकार के फूल होते। केवल गुलाब होता, कमल या रंजनिगंधा या गेंदा जैसे फूल न होते!". फैज अली ने कहा सच कहा आपने यदि एक ही दाल होती तो खाने का स्वाद भी एक ही होता।  दुनिया तो बङी फीकी सी हो जाती! स्वामी जी ने कहा, मुंशीजी! इसीलिये तो ऊपर वाले ने अनेक प्रकार के जीव-जंतु और इंसान बनाए ताकि हम पिंजरे का भेद भूलकर जीव की एकता को पहचाने। मुशी जी ने पूछा, इतने मजहब क्यों ? स

धर्म व्यापार बंद करो

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देश मे रोजाना धर्म के नाम पर  करोडो की आय दान स्वरुप मे कमाने वाले बडे-बडे मंदिर, मजीद और चर्चो का खजाना जप्त कर साधु,पुजारीयो,मौलाना,फादरीयो,या धर्मिक कमिटीयो  की ऐश-अय्यशी को रोक कर देश के हित में खर्च करना चाहिए जैसे -अनाथालयो,बेरोजगार,जरुरत मंद विद्याथियों,किसानो, मरीजों,बिजली ,पानी, सड़क, स्कूल, हॉस्पिटल आदि में। और सारे मंदिर, मजीद, चर्च और इमारते आदि को सरकारी सम्पति घोषित कर देना चाहिए और इनका देख भाल करने वाले को एक सरकारी कर्मचारी के बराबर तनख्वाह पर रखना ही उचित रहेगा। अगर हमारा राय अच्छा लगे तो सब लोग मिल कर इस मुहीम को आगे बढ़ाये। इससे देश और देशवासियो की सबसे बड़ी तरक्की होगी। अधिक जानकारी के लिये इस लिंक पर जाकर  विडीयो को जरूर देखें यहा क्लिक करें  https://mobile.facebook.com/story.php?story_fbid=1052454714779812&id=100000458813765&_rdr

ढोंगी स्वातंत्र्य

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ढोंगी स्वातंत्र्य तो म्हणाला राजस्थानमध्ये म्हणे आजही बालविवाह होतात आणि देशात रोज दोन तरी मुली हुंड्यासाठी जाळल्या जातात मी म्हणालो, अरे बाबा, बालविवाह आणि हुंडा फक्त सरकारी कागदावरच गुन्हा आहे पण आज तरी गप्प बस ! आज देशाचा स्वातंत्र्य दिवस आहे!! तो म्हणाला बिहार मधला दलित म्हणे गोळीचा शिकार होतोय दलित महिलेची नग्न धिंड काढून चार चौघात बलात्कार होतोय. मी म्हणालो,महिले बिहिले वरती नाही हा लोकशाहीवर बलात्कार आहे पण आज तरी गप्प बस, आज देशाचा स्वातंत्र्य दिवस आहे. तो म्हणाला, खून दरोडे घालणारे आमदार खासदार होतात न्याय हक्कासाठी लढणारे गुन्हेगार ठरविले जातात मी म्हणालो, त्यांच्या हाती काठी त्यांचीच बाबा म्हैस आहे पण आज तरी गप्प बस आज देशाचा स्वातंत्र्य दिवस आहे!! तो म्हणाला, स्वातंत्र्यलढयातून पळणा-यांना स्वातंत्र्यवीर केलं जातं भगतसिंगाच्या बलिदानाला आतंकवादी ठरवलं जातं मी म्हणालो, लेखन्या ज्यांनी काबीज केल्या त्यांच्या जात वर्गाचाच जयजयकार आहे. पण आज तरी गप्प बस्स! आज खरचं देशाचा स्वातंत्र्य दिवस आहे!! तो म्हणाला, कुपाेषणानं मुलं मरतात जरी तुडूंब भ

खतरे में है पर्यावरण खतरे में है जग जीवन

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पर्यावरण संरक्षण तथा इसे पहुंच रहे खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर वर्ष 5 जून के दिन को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी स्थापना 1972 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा में की गई थी जिस दिन यूनाइटिड नेशन्स कांफ्रैंस ऑन ह्यूमन एन्वायरनमैंट का आयोजन किया गया था। प्रथम विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन 5 जून, 1973 को किया गया था।   इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘छोटे टापू तथा मौसम में परिवर्तन’ है इसीलिए इस साल का आधिकारिक स्लोगन है- ‘रेज योर वॉइस नॉट द सी लैवल’ (अपनी आवाज उठाओ न कि समुद्र का जलस्तर)। दुनिया भर में असर गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से वर्षा की मात्रा में कहीं अत्यधिक कमी तो कहीं जरूरत से बहुत अधिक वर्षा जिससे कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा पड़ रहा है, समुद्र का बढ़ता जलस्तर, मौसम के मिजाज में लगातार परिवर्तन, पृथ्वी का तापमान बढ़ते जाना जैसे भयावह लक्षण लगातार नजर आ रहे हैं।  मौसम का बिगड़ता मिजाज मानव जाति, जीव-जंतुओं तथा पेड़-पौधों के लिए तो बहुत खतरनाक है ही, साथ ही पर्यावरण संतुलन के लिए भी गंभीर खतरा है। मौसम एवं पर्यावरण विशेषज्ञ विकराल रू

या गुन्हेगारांना गचंड्या देणार कोण??

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डोंबिवली सह कल्याण तालुक्यातील व जिल्ह्याच्या औद्योगिक व रहिवाशी पट्ट्यातील गुन्हेगारी जगताचा इतिहास गेल्या काही काळापासून रक्तरंजित झाला आहे. हे मागील काही घटनांमुळे आता लपून राहिले नाही . आता ह्या फोफावत्या गुन्हेगारीचा प्रश्न सामाजिक स्वास्थ्याच्या पथ्यावर पडत असल्याचे नागरिक उघड पणे बोलू लागले आहेत . काही गुन्हेगारी टोळ्यांचे वर्चस्व औद्योगिक भागात पूर्वी पासून आहे. या टोळ्यांत राजकारण्याच्या चेल्यां चपट्या पासून मध्यम व कनिष्ट वर्गातील तरुणांचे प्रमाण वाढत आहे. नाक्यानाक्यावर उभा राहणारा तरूण त्यात शिक्षीत वा अशिक्षीत दोन्हीवर त्या गुन्हेगारी टोळ्यांचा प्रभाव मोठ्या प्रमाणात दिसून येत आहे . हा या टोळीचा तो ह्या टोळीचा .तो कंपनी टच आहे या चर्चा सर्वत्र होत आहे . काहीवाट चुकलेले तरूण योगयोगाने म्हणा वा भाई बनण्याच्या इर्षेने,परिस्थितीमुळे, बेरोजगारी, झटपट पैसा मिळविण्याच्या नादात गुन्हेगारी क्षेत्रा कडे आकर्षित होत आहेत ,स्वताचे वेगळे अस्तित्व निर्माण करण्याच्या नादात आपल्याच आयुष्याचा खेळखंडोबा करुन घेत आहेत . कायधाचे उल्लधंन केल्यास तेथे गुन्हा घडतो ही झाली गुन्ह्याची सर्वस

ये सुचना नही धमकी है पाकिस्तान प्रेमियों को

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पिछले कुछ दिनों से न्युज टी वी चैनल और सोशल साईटस पर चर्चीत विषय  हुआ है "भारत में रहते हैं और पाकिस्तान का गुण गाते हैं उनकी जूते से पिटाई होनी चाहिए उन्हें उसी देश में भेज देना चाहिए "--- साध्वी सरस्वती विश्व हिंदू परिषद की नेता बालिका सरस्वती के इस बयान को कुछ मिडीयां और राजकारणियों द्वारा विवादास्पद कहकर एक नए विवाद को हवा दीजा रही है  पुलिस इस बयान पर साध्वीजी के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। तो यह देश के न्याय व्यावस्था के लिए बडी दुर्भाग्य की बात होगी ...! "मै साध्वी सरस्वतीजी के इस वक्तव्य का समर्थन करता हुं" अरे .. मै इन वोट के दुकानदारो और मानवता की आड मे छिपें हिजडे ठेकेदारो से ये पूछना चाहुंगा पाकिस्तान ने हमारे देश के हित मे हम पर ऐसे कौन से उपकार किये है ? जो इस वक्तव्य  को सुनते ही तुम्हारे पिछवाडे मे आग लाग गई है ! * क्या वही पाकिस्तान जो पहले गुनाह करो और फिर धौंस दो, जिसका यही चरित्र रहा है. जो लगातार सैकडों बार (सीझ फयरिंग)युद्धविराम का उल्लंघन करता आ रहा है. जिसकी वजह से ३०० से भी ज्यादा भारतीय जवानों की बर्बर हत्या की जा चुकी है.

अच्छे दिन कब आने वाले है ? ?

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अच्छे दिन तो नहीं आए, पर महंगे दिन अवश्य आ गए। सर्विस टैक्स 14 फीसद हो जाने से हर चीज महंगी हो जाएगी। इससे दवा, फोन बिल, केबल, टीवी, रेस्टोरेंट में खाना व वैवाहिक सेवाओं सहित सब कुछ महंगा होगा। केंद्र सरकार ने ऐसा करके जनता की जेब पर डकैती डालने का काम किया है। कारपोरेट सेक्टर को टैक्स में छूट देकर गरीबों को मुंह चिढ़ाने का काम किया गया है। पहले किराया बढ़ाया था रेल का फिर नंबर आया तेल का ख़ुद ही दस साल करते रही नुक्ताचीनी आते ही दो रुपए किलो महंगी कर दी चीनी हर कोई सपने दिखाकर आम आदमी को ठग रहा है आम आदमी को अब डर चीन से नहीं, चीनी से लग रहा है दुनिया मून पर, सरकार हनीमून पर पूछ रहे सारे देश के चायवाले हैं महँगाई की वजह से खाली चाय के प्याले हैं लोगों को दो वक़्त की रोटी के लाले हैं सरकार जी बता दीजिए, अच्छे दिन कब आने वाले हैं हमारे देश के लोग बहुत हिम्मतवाले हैं जिन्होंने महँगाई के दौर में बच्चे पाले हैं लूटने वाले ज़्यादा, बस गिनती के रखवाले हैं सरकार जी प्लीज़, बता दीजिए अच्छे दिन कब आने वाले हैं मेरे सपने में कल रात बुलेट ट्रेन आई मैंने कहा, बधाई हो जी बधाई सुना

देश को आज भी एक चंद्रशेखर आजाद की जरुरत है

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महान देशभक्त चंद्रशेखर आजाद 15 वर्ष की अल्पायु में ही अपनी शिक्षा अधूरी छोड़कर गांधी जी के असहयोग आंदोलन में कूद स्वतंत्रता संग्राम के अनन्य योद्धा के रूप में ख्याति प्राप्त किए थे। आजाद का जन्म 23 जुलाई को हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। अदालत में जज के प्रश्नों का उत्तर आजाद ने बड़ी निर्भीकता से दिया था। जज ने पूछा तुम्हारा नाम? जवाब था आजाद। उनके उत्तर से गुस्साए जज ने 15 बेंत मारने की सजा दी। प्रत्येक बेंत पड़ते ही आजाद भारत माता की जय तथा महात्मा गांधी की जय का उद्घोष किए। आजाद यह नारा तब तक लगाते रहे जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गए। उन्होंने संकल्प किया था कि वे न कभी पकड़े जाएँगे और न ब्रिटिश सरकार उन्हें फाँसी दे सकेगी। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए इसी पार्क में उन्होंने स्वयं को गोली मारकर मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दी। आजाद आजीवन ब्रह्मचारी रहे। आजाद का जन्म स्थान भाबरा अब 'आजादनगर' के रूप में जाना जाता है। जब क्राँतिकारी आंदोलन उग्र हुआ, तब आजाद उस तरफ खिंचे और 'हिन्दुस्तान सोशलिस्ट आर्मी' से जुड़े। रामप्

इन्सानों को कुचल कर विचारो को नही कुचला जा सकता

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कामरेड गोविंद पानसारे को लाल सलाम ........... मगर उनका ज़स्बा और विचारधारा अजर अमर है कामरेड मरते नहीं हैं दुश्मन ये जान ले ..... गोलियों से तेज चलते हैं विचार मैं घिरा हुआ हूं असंख्य आतताइयों से जो भून देना चाहते हैं मुझे पहले ही वार में , बारूद के असीमित जखीरे के मुकाबिल विचारों से लैस हूं मैं,यथासंभव । जंग जारी है विचार और औजार की हर मोर्चे पर सदियों से अनवरत,असमाप्य । मैं जानता हूं , कि ऊ र्जा हुए जाते हैं विचार ,और कहीं ज्यादा भयभीत हुए जाते हैं वो, जो छलनी कर देना चाहते हैं मुझे । पर मैं आश्वस्त हूं कि ऊर्जा अविनाशी है, और गोलियों से तेज चलते हैं विचार ..

हाय मेरे देश का सिस्टम ..!!

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क्या भारत का सिस्टम आम जनता को धोखा देता है ...??? आप खुद देखिये.... 1- नेता चाहे तो 2 सीट से एक साथ चुनाव लड़ सकता है !! लेकिन.... आप दो जगहों पर वोट नहीं डाल सकते, 2-आप जेल मे बंद हो तो वोट नहीं डाल सकते.. लेकिन.... नेता जेल मे रहते हुए चुनाव लड सकता है. 3-आप कभी जेल गये थे, तो अब आपको जिंदगी भर कोई सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, लेकिन.... नेता चाहे जितनी बार भी हत्या या बलात्कार के मामले मे जेल गया हो, वो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति जो चाहे बन सकता है, 4-बैंक में मामूली नौकरी पाने के लिये आपका ग्रेजुएट होना जरूरी है.. लेकिन... . नेता अंगूठा छाप हो तो भी भारत का फायनेन्स मिनिस्टर बन सकता है. 5-आपको सेना में एक मामूली सिपाही की नौकरी पाने के लिये डिग्री के साथ 10 किलोमीटेर दौड़ कर भी दिखाना होगा, लेकिन.... नेता यदि अनपढ़-गंवार और लूला-लंगड़ा है तो भी वह आर्मी, नेवी और ऐयर फोर्स का चीफ यानि डिफेन्स मिनिस्टर बन सकता है और जिसके पूरे खानदान में आज तक कोई स्कूल नहीं गया.. वो नेता देश का शिक्षा मंत्री बन सकता है और जिस नेता पर हजारों केस चल रहे हों.. वो न

पाक भडवों के नापाक इरादें....

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अरब सागर में पाकिस्तान की तरफ से आ रही एक नौका को भारतीय तटरक्षक बलों द्वारा घेरे जाने के बाद उसमें हुए विस्फोट के घटनाक्रम ने मुंबई में दुस्साहसिक आतंकी हमले की याद दिलाने के साथ ही यह भी नए सिरे से रेखांकित कर दिया कि भारत के संदर्भ में पाकिस्तान की नीति और नीयत में कोई अंतर नहीं आया है। इस नौका में सवार लोगों की बातचीत से यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि उनका इरादा लगभग उन्हीं तौर-तरीकों से भारत में एक बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने का था जैसा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में किया गया था। उस समय भी दस पाकिस्तानी आतंकी एक नाव पर सवार होकर मुंबई तट पर उतरे थे और उन्होंने लगभग 72 घंटे तक तबाही मचाई थी। यह लगभग तय है कि पाकिस्तान अरब सागर की घटना में अपने लोगों का हाथ होने से इन्कार करेगा और यदि भारत उसकी भूमिका के सुबूत किसी तरह जुटा भी ले तो उसे पाकिस्तान स्वीकार नहीं करेगा। आखिर ऐसा ही तो मुंबई हमले के संदर्भ में भी पाकिस्तान ने किया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान शांति की ओर कदम बढ़ाते नहीं दिखता। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत

भारतीय स्त्रीशिक्षण कि जन्मदाता क्रांतीज्योती सावित्रीबाई ज्योतीराव फुले को विनम्र अभिवादन....

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सावित्रीबाई फुले का जीवन एक ऐसी मशाल है, जिन्होने स्वयं प्रज्वलित होकर भारतीय नारी को पही बार सम्मान के साथ जीना सिखाया। सावित्रीबाई के प्रयासों से सदियों से भारतीय नारियां जिन पुरानी कुरीतियों से जकड़ी हुई थी उन्होंने उन बंधनों से उनकों मुक्त कराया तथा पहली बार भारतीय नारी ने पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर खुली हवा में सांस ली। दलित व पिछडी जाति की महिलाओं को उनके सानिध्य में शिक्षा का अधिकार मिला। सावित्रीबाई के क्रांतिकारी प्रयासें से महाराष्ट्र में ही नहीं अपितु पुरे राष्ट्र में एक नई लहर जाग उठी। रूढि़यों से जूझने वाली साहसी सावित्रीबाई का जन्म 3.1.1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में नायगांव के छोटे से देहात में हुआ था। आपके पिता खंडोजी नेवसे पाटिल पेशवाकालिन ईमानदार कुलों में से थे। बचपन से ही समाज सेवा, धीर गम्भीरता तथा शूरता जैसे लोकोत्तर गुण आप में विद्यमान थे। ई.स. 1840 के शुभ मुहुर्त पर नायगांव में ज्योतिबा फुले तथा सावित्री बाई का विवाह सम्पन्न हुआ। आप दोनों की शादी में समाजोन्मुख दो महाशक्तियों का मिलन हुआ। तुफानों से टकराने की क्षमता व हर बाधाओं और संकट से लोहा लेने की