पाक भडवों के नापाक इरादें....

अरब सागर में पाकिस्तान की तरफ से आ रही एक नौका को भारतीय तटरक्षक बलों द्वारा घेरे जाने के बाद उसमें हुए विस्फोट के घटनाक्रम ने मुंबई में दुस्साहसिक आतंकी हमले की याद दिलाने के साथ ही यह भी नए सिरे से रेखांकित कर दिया कि भारत के संदर्भ में पाकिस्तान की नीति और नीयत में कोई अंतर नहीं आया है। इस नौका में सवार लोगों की बातचीत से यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि उनका इरादा लगभग उन्हीं तौर-तरीकों से भारत में एक बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने का था जैसा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में किया गया था। उस समय भी दस पाकिस्तानी आतंकी एक नाव पर सवार होकर मुंबई तट पर उतरे थे और उन्होंने लगभग 72 घंटे तक तबाही मचाई थी।
यह लगभग तय है कि पाकिस्तान अरब सागर की घटना में अपने लोगों का हाथ होने से इन्कार करेगा और यदि भारत उसकी भूमिका के सुबूत किसी तरह जुटा भी ले तो उसे पाकिस्तान स्वीकार नहीं करेगा। आखिर ऐसा ही तो मुंबई हमले के संदर्भ में भी पाकिस्तान ने किया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान शांति की ओर कदम बढ़ाते नहीं दिखता।

नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित कर दोनों देशों के रिश्तों में एक नया युग आरंभ करने की कोशिश की थी, लेकिन पाकिस्तान ने अपने पुराने रंग-ढंग में आने में तनिक भी देर नहीं लगाई। उसने विदेश सचिव स्तर वार्ता के ठीक पहले अपने उच्चायुक्त को कश्मीर के अलगाववादियों के साथ बातचीत करने के निर्देश दिए। इसी के साथ उसने सीमा पर गोलाबारी भी बढ़ा दी।
भारत के पास पाकिस्तान पर भरोसा करने का कोई कारण इसलिए भी नहीं रह गया है, क्योंकि वह भारत विरोधी तत्वों के प्रति नरमी बरतने से बाज नहीं आ रहा। आतंकियों की घुसपैठ, सीमा पर गोलाबारी के साथ-साथ पाकिस्तान अपने यहां मौजूद उन आतंकियों को हर तरह का समर्थन-संरक्षण देने में लगा हुआ है जिनका एकमात्र उद्देश्य भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाना है। मुंबई हमले का गुनहगार जकीर उर रहमान लखवी, लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद और दुदरंत आतंकी दाऊद इब्राहिम पर पाकिस्तान की विशेष कृपा बरस रही है।
पाकिस्तान भारत के साथ रिश्ते सामान्य नहीं करना चाहता। जिस दिन समुद्री क्षेत्र से भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश की गई उसी दिन सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से बड़े पैमाने पर गोलाबारी का सिलसिला नए सिरे से शुरू कर दिया गया। इन परिस्थितियों में भारत के पास पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं।

शाम गौड़
(CYF)

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