आशिक की जुबान
एक आशिक की जुबान मेरे नजरिये से...... ये मेरी हर सुबह की पहली धुप उन्ही के लिए है.... मेरा हर पल आज और कल उन्ही के लिए हैं मेरी हर खुशी-सोच-सपनें उन्हीं के लिए हैं... दिल से मांगी हर दुआएं भी उन्ही के लिए है.. मेरे होंठो पे आती ये गूँगी मुस्कान और हँसी उन्ही से हैं... पापा के जेब से चुराये पैसों से ख़रीदा वो पेहला गुलाब उन्हींके लिए हैं... मेरे स्कूल,कॉलेज, जॉब, पे झूठ बोलकर मारी छुट्टी भी उन्ही के लिए है... अपने पॉकेट मनी से ख़रीदा हुआ पेहला Birthday gift.... अपने Jacket बेचकर खरीदीं वो Loket भी उन्ही के लिए हैं.... मेरे cell में hike,WhatsApp और उसपर लिखते हर status भी उन्ही के लिए है.... मेरे मोबाईल में अभी भी 3G जारी' और रिचार्ज वाले की आज भी बाकी उधारी उन्हीं के लिए हैं.... उन्हें online देखने या इन नज़रो से छूने के लिए इस मन में उठती उलझन उन्ही के लिए है... मेरा प्रेजेंट मे फ़्यूचर की ये भागम-भाग उन्ही के लिए है.... मेरे लाइफ की हर कामयाबी और जीत उन्ही के लिए हैं.... मेरी डायरी में लिखें हुए हर पन्ने और मेरी हर शायरी उन्हीं के लिए हैं..... बॉस और दोस्तों से म