मेरी शायरी दिल की डायरी...
ऐ जिंदगी मैं तेरा साथ निभाता हूँ.. हर गम को भूलकर खुशियों के ख़्वाब सजाता हूँ! सिर्फ अपनी जीत पे ही नही अपने हार का भी जशन मनाता हूँ अक्सर अपनी हर नाकामियों से मैं सिख जाता हूँ! ऐ जिंदगी मैं तेरा साथ निभाता हूँ....!! हासिल हुआ उसीको किस्मत समझ जाता हूँ.. जो खो गया उसको भुला पाता हूँ! मैं सीने में दर्द के बादल लिये मुस्कुराता हूँ! ऐ जिंदगी मैं तेरा साथ निभाता हूँ..!! अंगारो भरा है कठिन रास्ता-सफर मेरा , फिर भी बड़ी शान से हर कदम मै बढ़ाता हुँ.. ऐ जिंदगी मैं तेरा साथ निभाता हुँ ...!! कवि:- शाम गौड़ SRG