यहाँ सब कुछ बिकता है , दोस्तों रहना जरा संभाल के !!!
बेचने वाले हवा भी बेच देते है , गुब्बारों में डाल के !!!
सच बिकता है , झूट बिकता है, बिकती है हर कहानी !!!
तीन लोक में फेला है , फिर भी बिकता है बोतल में पानी!!!
कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस दिन खिलोगे... टूट कर बिखर्र जाओगे ।
जीना है तो पत्थर की तरह जियो;
जिस दिन तराशे गए... "खुदा" बन जाओगे ।।

_______शाम गौड़

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

स्वतंत्र दिना निमित्त वृक्ष वाटप कार्यक्रम

"सत्य है।".

हसण्यासाठी निमित्त शोधूया......