नेता होशियार देश लाचार

1000,500 के नोटों को तो बंद कर दिया पर मंदिरों, ज्वेलर्स और कई जगह पर चल रहे इस गोरख धंदे का क्या?
काले का सफ़ेद black to white करने वाले पैसे के इन दलालों का क्या? क्या वाकई में यह बदलाव गरीब और सर्वसामान्य जनता हितार्थ के लिए किया गया हैं..?
अचानक इस तरह देश में काले धन की समस्या से निपटने के लिए मोदीजी द्वारा किया गया यह प्रयत्न नाकामयाब दीखता नजर आ रहा है!
इसमें पीस रहे है तो सिर्फ हम जैसे सामान्य गरीब और लाचार लोग .

और फायदा हैं तो भ्रष्टाचारी नेताओं,उद्योगपतियों का जिन्हें बहोत ही आसानी से काले का सफ़ेद करने के अनेक रास्ते  मिल जा रहे हैं.

कल भी रस्ते पर बैंको के बाहर सर्वसामान्य बेबस गरीबों की लाइन थी और आज भी है..

कोई काले धन वाला उद्योगपति ,मंत्री ,संत्री ,परेशान नहीं सभी के पास विकल्प हैं काले धन को सफ़ेद करने का!

गरीब तो हाथ में कमाये हुए चंद पैसे होकर भी आज के राशन भराने के लिए अपनी भूख मार कर बैंको के बहार लाइन में खड़ा है😢
यह बदलाव कोई विशेष वर्ग के उच्चवर्गीय लोगों के लिए हैं?
या यह बदलाव भविष्य में होनेवाले उत्तर भारत के लोकसभा चुनाव के फायदों  को लेकर किया गया हैं?

या अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए ??????????

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